डॉ. पंकज जिंदल ने सफलतापूर्वक की ३० हजार जटिल हैन्ड सर्जरी.
डॉ. पंकज जिंदल ने सफलतापूर्वक की ३० हजार जटिल हैन्ड सर्जरी.
जरुरतमंदों की मदद से मिलती है मानसिक संतुष्टि : डॉ. पंकज जिंदल
पुणे – मानवी शरीर के लिए हाथ एक काफी महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन अगर इस महत्वपूर्ण अंग को जन्मतः या फिर किसी भी हादसे के चलते कोई गंभीर क्षति पहुंचे तो हमें जीवनयापन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए मैंने अपनी आर्थोपेडिक की डिग्री प्राप्त करने के बाद हैन्ड सर्जरी में प्रवीणता प्राप्त करने का फैसला किया। आज मुझे खुशी है कि, मैं मेरे पीछले ३०-३५ वर्षों की चिकित्सा सेवा में किसी कारणवश हमेशा के लिए हाथ गंवाने की संभावना रखने वाले हजारो मरीजों को सफल चिकित्सा के माध्यम से एक नया जीवन प्रदान किया है। इसमें भी जब मैं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को दानशूर लोगों के माध्यम से अत्याधुनिक इलाज दे पाया, जिससे मुझे काफी मानसिक संतुष्टि मिली है, ऐसी जानकारी पुणे के विख्यात हैन्ड सर्जन डॉ. पंकज जिंदल ने दी।
३० हजार से अधिक सफल हैंड सर्जरी पूरी करने के उपलक्ष्य पर डाॅ. जिंदल ने आगे बताया कि, चिकित्सा क्षेत्र की एक बेहतरीन साझी विरासत मुझे मेरे परिवार से मिली है। इसलिए मैंने भी इस क्षेत्र में जाकर समाज में स्वस्थता लाने की दिशा में काम करने का फैसला किया। आर्थोपेडिक सर्जन की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैं फ्रांस, स्विट्जरलैंड में आगे की पढ़ाई के लिए गया. बाद में मैंने यूएस जाकर हैन्ड सर्जरी में और महारत प्राप्त की। भारत से लेकर यूरोप और अमेरिका तक मुझे काफी बेहतरीन शिक्षक मिले।
उन्होंने बताया कि, विदेश में प्राप्त बेहतरीन शिक्षा और अनुभव को लेकर मैं स्वदेश लौटा। मेरे जीवन में कई सारे मरीज ऐसे आए, जिनके हाथों की सर्जरी लगभग नामुमकिन थी। कई लोगों के कटे हुए हाथ, कटी हुई कुहनियां, कटी हुई उंगलियों का मैंने सफलतापूर्वक इलाज किया। जिन लोगों की भी मैंने हैन्ड सर्जरी सफल की, वे आगे चल कर अपनी पढ़ाई और अपने करियर को सफलतापूर्वक अंजाम दे पाए।
मेरे पास मजदूर और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े लोग हैन्ड सर्जरी के लिए आते है। कई बार उनके पास सर्जरी या दवाईयों के भी पैसे नहीं होते है। ऐसे में मैं रोटरी इंटरनेशनल, लायन्स क्लब, अग्रवाल क्लब, रसिकलाल माणिकचंद धारीवाल फाउंडेशन के साथ दानशूर व्यक्तियों की मदद से ऐसे लोगों का भी सफल इलाज किया है।
अपने ३० वर्षों की चिकित्सा सेवा में मैंने ३० हजार से अधिक मरीजों पर सफलतापूर्वक इलाज किया हैं। जिसमें हाथों में गंभीर इंजुरी, फ्रैक्चर, पैरालिसिस, झुनझुनी आना, शारीरिक कुरूपता, वात रोग, कटी नसों से जूड़ी समस्याएं, हाथों का दर्द, कटे-फटे हाथों पर सफलतापूर्वक इलाज किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की `स्वस्थ भारत` की संकल्पना को और आगे ले जाने के काम में एक छोटासा योगदान दे रहे हैं।
आज मेरे पास देश-विदेश से भी कई सारे मरीज आते हैं, जो पूरी तरह स्वस्थ होकर जाते हैं। शहरी इलाकों के अलावा मैं ग्रामीण इलाकों में जाकर हाथों की समस्याओं के संदर्भ में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करता हूं, जिसमें मरीजों की प्राथमिक जांच कराने के बाद उन्हें अस्पताल में अत्याधुनिक आवश्यकतानुसार इलाज मुहैया करवाता हूं, ऐसी जानकारी डॉ. जिंदल ने दी।
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