सामाजिक प्रतिबद्धता के माध्यम से विकलांगों को कला शिक्षा*
*सामाजिक प्रतिबद्धता के माध्यम से विकलांगों को कला शिक्षा*
अनिकेत सेवाभावी संस्थान में 'एमआईटी एडीटी' विश्वविद्यालय की सराहनीय पहल
*पुणे-* एमआईटी आर्ट डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फाइन एंड एप्लाइड आर्ट्स (एसओएफए), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), छात्र कल्याण विभाग और स्कूल ऑफ होलिस्टिक डेवलपमेंट की सहयोग सें अनिकेत सेवाभावी संस्था, पुणे में चार दिन 'कला के माध्यम से शैक्षिक परिवर्तन' इस प्रशंसा गतिविधि का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
प्रो. सुशील कुमार कुम्भार एवं प्रो. उत्तम जनवड़े के मार्गदर्शन में, इस पहल में एमआईटी सोफा के छात्रों के साथ-साथ अनिकेत सेवाभावी संस्थान के विशेष विकलांगता वाले 55 बच्चों की उत्साही भागीदारी देखी गई, जिन्होंने संस्थान के परिसर में जीवंत भित्ति चित्र बनाने के लिए मिलकर काम किया। इस पहल का उद्देश्य अनिकेत सेवाभावी संस्था को सुंदर बनाना और इन भित्ति चित्रों के माध्यम से एक अच्छा संदेश देना था। इस पहल ने न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान किया बल्कि विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक एकीकरण और सशक्तिकरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और कुलपति प्रो. डॉ। मंगेश कराड ने अनिकेत सेवाभावी संस्था की पहल के व्यापक प्रभाव पर टिप्पणी की, और छात्रों और संकाय के प्रयासों की भी सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए, एमआईटी सोफा के प्रिंसिपल तथा डीन डॉ. मिलिंद ढोबले ने कहा कि, यह पहल कला से परे प्रत्येक व्यक्ति की अद्वितीय क्षमताओं को समझने और जोड़ने की है। हमें निश्चित रूप से उस काम पर गर्व है जो हमारे छात्र सामाजिक जिम्मेदारी बनाए रखने में कर रहे हैं।
छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. सूरज भोयर ने छात्रों द्वारा दिखाई गई सामाजिक प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा की, अनिकेत सेवाभावी संस्थान के बच्चों के साथ उन्होंने जो खुशी साझा की वह हृदयस्पर्शी थी।
*चौखट*
*सहानुभूति और आपसी सम्मान का संगम*
अनिकेत सेवाभावी संस्थान की दीवारों पर सजे भित्ति चित्र एकता, रचनात्मकता और कला की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक हैं। एमआईटी-सोफा के प्रतिभागी छात्रों और अनिकेत सेवाभावी इंस्टीट्यूट के बच्चों ने न केवल कला का सृजन किया है, बल्कि सहानुभूति और पारस्परिक सम्मान का संगम भी बनाया है। इस सफल पहल को अनिकेत संस्था की निदेशक कल्पना वर्पे और ट्रस्टी राजश्री जंगले, सुहास जंगले, गणेश तनपुरे का बहुमूल्य समर्थन मिला।
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